जाओ सैंयाँ

 

फिल्म: साहिब बीबी और गुलाम
गायिका: गीता दत्त
संगीत निर्देशक: हेमंत कुमार
बोल: शकील बदायुनी
वर्ष: १९६२
निर्देशक: अबरार अल्वी
सक्रियक: गुरुदत्त, मीनाकुमारी, रहमान, सप्रू, वहीदा रहमान

 

जाओ सैंयाँ, छुडा के बहियाँ,
   
कसम तुम्हारी, मैं रो पडूँगी,
                    
रो पडूँगी |
मचल रहा हैं, सुहाग मेरा,
   
जो तुम ना होंगे, तो क्या करूंगी,
               
क्या करूंगी |
जाओ ...

ये बिखरी जुल्फें, ये खिलता गजरा,
   
ये महकी चुनरी, ये मन की मदिरा | ये बिखरी ...
ये सब तुम्हारे, लिए हैं प्रीतम,
   
मै आज तुम को, जाने दूंगी,
                     
जाने न दूंगी |
  जाओ ...

मैं तुम्हरी दासी, जनम की प्यासी,
   
तुम ही हो मेरा, सिंगार प्रीतम | मैं तुम्हरी ...
तुम्हारे रास्ते, की धूल ले कर,
   
मैं मांग अपनी, सदा भरुंगी,
                  
सदा भरुंगी |
  जाओ ...

जो मुझ से आखियाँ, चुरा रहे हो,
   
तो मेरी इतनी, अरज भी सुन लो |
जो मुझ से आखियाँ, चुरा रहे हो,
   
तो मेरी इतनी, अरज भी सुन लो,
       
पिया मेरी ये, अरज भी सुन लो |
तुम्हारे चरणों, में  आ गयी हूँ ,
   
यहीं जिऊंगी, यहीं मरुंगी,
       
यहीं मरुंगी |